Guptar Ghat

गुप्तार घाट

भगवान की स्मृतियों को समेटे राम नगरी में वैसे तो कई दर्शनीय स्थल हैं, लेकिन गुप्तार घाट की अपनी अलग ही विशेषता है। यह वह घाट है, जहां भगवान श्रीराम ने जलसमाधि ली थी। सरयू नदी के किनारे स्थित गुप्तार घाट पर कई छोटे-छोटे मन्दिरों के साथ यहां का सुन्दर दृश्य मन को मोह लेने वाला है। मुक्ति पाने की इच्छा लेकर इस स्थान पर दर्शनार्थी आते हैं। 19वीं सदी में राजा दर्शन सिंह द्वारा गुप्तार घाट का नवनिर्माण करवाया गया था। इस घाट पर राम जानकी मंदिर, पुराने चरण पादुका मंदिर, नरसिंह मंदिर और हनुमान मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र हैं।

गुप्तार घाट के पास ही मिलिट्री मन्दिर, कम्पनी गार्डन, राजकीय उद्यान और अन्य प्राचीन मन्दिर पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं। नौका विहार और लम्बे रेतीले मैदानों के इर्द-गिर्द हरियाली व शान्त वातावरण और सूर्यास्त की निराली छटा लोगों को बरबस अपनी ओर खींच लेती है। बक्सर की युद्ध विजय के बाद तत्कालीन नवाब शुजा-उद-दौला द्वारा निर्मित ऐतिहासिक किला, गुप्तार घाट से चंद कदमों की दूरी पर स्थित है।

Although there are many places in the city of Ram, which contains the memories of God, but Guptar Ghat has its own special feature. This is the ghat where Lord Shri Ram took the water. The beautiful view here with many small temples on the Guptar Ghat situated on the banks of the Saryu River is fascinating to the mind. Devotees visit this place about the desire for liberation. The Guptar Ghat was newly renovated by Raja Darshan Singh in the 19th century. The Ram Janaki Temple, Old Charan Paduka Temple, Narasimha Temple and Hanuman Temple are the centers of people’s faith on this ghat.

Military temples, company gardens, state gardens and other ancient temples are the center of attraction for tourists near Guptar Ghat. The greenery and tranquil atmosphere surrounding the boating and long sandy plains and the sunny shade of the sun draws people towards it. The historic fort built by the then Nawab Shuja-ud-Daula after the battle victory of Buxar is located a few steps from the Guptar Ghat.

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